हाल ही में व्यापारी के यहाँ दिन दहाड़े डकैती और एक दिन बाद हवाई फायरिंग करके एक महिला की चेन खींच ली गई है । हरिद्वार एक पर्यटन नगरी है और इस तरह की खबरें पर्यटकों को यहां आने के लिए हतोत्साहित कर सकती हैं जिससे राज्य के राजस्व और हरिद्वार की जनता के रोजगार को भारी नुकसान हो सकता है ।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार 4 सितंबर को जनाधिकार मोर्चे के प्रतिनिधि मंडल द्वारा राष्ट्रीय महासचिव हेमा भंडारी के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड को प्रदेश में बिगड़ती हुई कानून व्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने हेतु ज्ञापन सौपा गया। महासचिव हेमा भंडारी ने कहा कि हरिद्वार जिले में लगातार चेन स्नैचिंग और लूट के मामले सामने आ रहे हैं । अभी हाल ही में व्यापारी के यहाँ दिन दहाड़े डकैती और एक दिन बाद हवाई फायरिंग करके एक महिला की चेन खींच ली गई है । हरिद्वार एक पर्यटन नगरी है और इस तरह की खबरें पर्यटकों को यहां आने के लिए हतोत्साहित कर सकती हैं जिससे राज्य के राजस्व और हरिद्वार की जनता के रोजगार को भारी नुकसान हो सकता है । पुरे प्रदेश में महिलाओ के साथ जिस तरह की बलात्कार और हत्या की घटनाये हो रही है और अपराधी बेखौफ़ घूम रहे है। पुलिस प्रशासन नींद में है। अंकिता भंडारी के माता पिता आज तक न्याय के लिए भटक रहे है। ऋषिकेश में पत्रकार को शराब माफियाओ द्वारा हत्या का प्रयास किया गया। ऐसे में प्रदेश में न महिलाये सुरक्षित है न व्यापारी और न जनता की आवाज उठाने वाला चौथा स्तम्भ। जिलाध्यक्ष संजू नारंग ने कहा कि आईएसबीटी देहरादून में हुए गैंगरेप के आरोपियों में जो सरकारी कर्मचारी थे को अभी तक बर्खास्त करने संबंधी कोई भी कार्यवाही या मेमो नहीं दिया गया है । विभाग और प्रशासन इस मामले में कड़ाई से कार्य नहीं कर रहे हैं । यहां तक की इस मामले में किसी भी पुलिस कर्मचारी या अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों पर कोई भी कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गई है । कुर्बान अली ने कहा कि उधम सिंह नगर में हुए बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में भी किसी पुलिस कर्मचारी पर कोई कार्यवाही सुनिश्चित नहीं की गई है । जनाधिकार मोर्चा आईएसबीटी देहरादून गैंगरेप मामले और उधमसिंह नगर बलात्कार और हत्या के मामले में सीबीआई जांच की मांग करता है। डा. मेहरबान ने कहा कि भाजपा सरकार में अपराधियों को शरण मिल रही है iइस प्रकार की ढील अपराधियों के हौसलों को बुलंद करती है और यदि प्रशासन का रवैया ऐसा ही ढीला रहा तो अपराध की जड़ें उत्तराखंड में फैलते हुए देर नहीं लगेगी ।