नशे की प्रवृत्ति देती है समाज में अपराध को जन्म: प्रो. बत्रा


एस.एम.जे.एन. काॅलेज में आज एंटी ड्रग्स सेल तथा पर्यावरण प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्त समाज एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

​हरिद्वार 04 सितम्बर, 2024 । एस.एम.जे.एन. काॅलेज में आज एंटी ड्रग्स सेल तथा पर्यावरण प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में नशा मुक्त समाज एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ​इस अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने अपने सम्बोधन में कहा कि तम्बाकू से बने उत्पाद और नशे की प्रवृत्ति न केवल मनुष्य के शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, अपितु समाज में अपराध को भी जन्म देते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों से अपील करते हुए कहा कि आज सभी संकल्प लें कि वह कभी भी धू्रमपान व अन्य किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पादों का सेवन नहीं करेंगे और एक सभ्य समाज की नींव रखेंगे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वच्छ पर्यावरण का संकल्प ही देश को विकसित राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभायेगा। ​अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने एंटी ड्रग्स सेल व पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित जागरूकता कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों एक ही सिक्के के पहलू हैं। उन्होंने कहा कि मन व तन से स्वस्थ व्यक्ति ही एक सभ्य, सुदृढ़ और स्वस्थ समाज की परिकल्पना का साकार करता है। ​जनजागरूकता कार्यक्रम की शुभकामनायें प्रेषित करते हुए डाॅ. मनोज कुमार सोही, नोडल अधिकारी, एंटी ड्रग्स क्लब ने कहा कि हमारा महाविद्यालय परिसर तम्बाकू सेवन से पूर्णतया मुक्त है क्योंकि महाविद्यालय में प्रत्येक सत्र में एंटी ड्रग्स क्लब का गठन किया जाता है, जिसके सदस्यों का महाविद्यालय परिसर में तम्बाकू के सेवन के प्रति रोक लगाना व जागरूकता पैदा करना होता है। ​कार्यक्रम में मद्य निषेध पर बोलते हुए संस्कृत विभाग के हरीशचन्द्र ने कहा कि तम्बाकू नियत्रंण जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य तम्बाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूक करना है। उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से आह्वान करते हुए कहा कि तम्बाकू सेवन व्यक्ति नहीं सभ्यता का विनाशक है, सभ्यता के बचाव के लिए तम्बाकू निषेध महत्वपूर्ण है। ​डाॅ. विजय शर्मा, समन्वयक पर्यावरण प्रकोष्ठ ने कहा कि पिछले कई दशकों से औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के चलते पर्यावरण के विभिन्न घटकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है जिसके कारण पृथ्वी के अनेक भू-भाग पर प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस प्रभाव, घटता भूजल जलस्तर तथा अम्लीय वर्षा जैसी समस्यायें सामने आ रही हैं। डाॅ. शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर कार्य करने पर बल दिया। ​इस अवसर विनय थपलियाल, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. लता शर्मा, वैभव बत्रा, डाॅ. अनुरिषा, डाॅ. वन्दना सिंह, शाहीन, डाॅ. पल्लवी राणा, डाॅ. मिनाक्षी शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सन्दरियाल, अंकित बंसल, डाॅ. विनीता चैहान, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, आस्था आनन्द, विनीत सक्सेना, डाॅ. पदमावती तनेजा, मोहन चन्द्र पाण्डेय आदि सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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