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रूद्रनाथ ट्रैक पर लगेंगे डीआरडीओ के बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट्स।


केदानाथ वन प्रभाग को अवमुक्त की गयी 30 लाख की धनराशि। रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए डीआरडीओ के ग्रीन हाई टेक प्रीफैब्रिकेटेड बायो टॉयलेट लगाए जाएगें।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 15 जनवरी,2025, केदानाथ वन प्रभाग को अवमुक्त की गयी 30 लाख की धनराशि। रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए डीआरडीओ के ग्रीन हाई टेक प्रीफैब्रिकेटेड बायो टॉयलेट लगाए जाएगें। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने नई तकनीकी के बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट लगाने के लिए केदारनाथ वन प्रभाग को 30 लाख की धनराशि अवमुक्त कर दी है। आगामी यात्रा सीजन से पहले रूद्रनाथ यात्रा मार्ग पर 10 बायो-डाइजेस्टर टॉयलेट स्थापित किए जाएंगे। इसमें 04 बायो टॉयलेट रूद्रनाथ, 04 ल्वींठी और 02 मौली खर्क में लगाए जाएंगे। इससे तीर्थयात्रियों को सुविधा मिलेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर यात्रा मार्ग पर तीर्थयात्रियों के लिए सभी सुविधाएं जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि तीर्थ स्थलों पर आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सरल हो। उन्होंने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मानव अपशिष्ट निपटान के लिए एक पर्यावरण अनुकूल, रखरखाव-मुक्त, लागत-कुशल जैव-अपघटन तकनीक से बायो-डाइजेस्टर तकनीकी से टायलेट्स तैयार किए है। इन बायो टॉयलेट्स के नीचे बायो डाइजेस्टर कंटेनर लगा होता है। इस कंटेनर में एनेरोबिक बैक्टीरिया होते है। ये बैक्टीरिया सीवेज कचरे को पानी और गैस में बदल देते है, जिसमें कोई बुरी गंध भी नहीं आती है। बायो डाइजेस्टर टेक्नोलॉजी एक स्वच्छ तकनीक है। इसमें सीवेज कचरे के निस्तारण की समस्या भी नही रहती है। जिससे खर्च कम और रखरखाव आसान होता है।

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