कांवड़ मेले के चलते हरिद्वार का सबसे पवित्र स्थल हर की पौड़ी अतिक्रमण और प्रदूषण की चपेट में है। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कथित लापरवाही के कारण हर की पौड़ी पर अवैध दुकानें, पॉलीथिन और प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है।
रिपोर्ट - RAMESHWAR GAUR
हरिद्वार: कांवड़ मेले के चलते हरिद्वार का सबसे पवित्र स्थल हर की पौड़ी अतिक्रमण और प्रदूषण की चपेट में है। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कथित लापरवाही के कारण हर की पौड़ी पर अवैध दुकानें, पॉलीथिन और प्लास्टिक का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। अतिक्रमण का जाल: हर की पौड़ी पुलिस चौकी सहित पूरा क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में है। अवैध पार्किंग और दुकानों के कारण यहां हर समय जाम लगा रहता है, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। प्रदूषण का कहर: नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से हर की पौड़ी पर सैकड़ों अवैध दुकानें चल रही हैं, जहां प्रतिबंधित पॉलीथिन और प्लास्टिक खुलेआम बेची जा रही है। एनजीटी के आदेशों को धता बताते हुए गंगा किनारे फूल फरोशी के अवैध का कारोबार किया जा रहा है जिससे गंगा का पवित्र जल प्रदूषित हो रहा है। अवैध कारोबार का अड्डा: हर की पौड़ी पर प्लास्टिक की कैनियों की सैकड़ों अवैध दुकानें लगी हुई हैं, जो न केवल प्रदूषण फैला रही हैं बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक हैं। प्रशासन की अनदेखी: जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन कांवड़ मेले के नाम पर इन अवैध गतिविधियों पर आंखें मूंदे हुए हैं। नगर निगम के अधिकारी भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जिसके कारण हर की पौड़ी की पवित्रता खतरे में है। स्थानीय लोगों का आक्रोश: स्थानीय लोगों में प्रशासन की इस लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि हर की पौड़ी की पवित्रता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मांग: स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से तत्काल अतिक्रमण हटाने, अवैध दुकानों को बंद कराने और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। चेतावनी: यदि प्रशासन ने जल्द ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की, तो हर की पौड़ी पर कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।