महाकुम्भ के पावन अवसर पर नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का भव्य आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये किया गया। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम का माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, श्री योगी आदित्यनाथ जी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में समापन हुआ।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
प्रयागराज, 27 फरवरी। महाकुम्भ के पावन अवसर पर नेत्र चिकित्सा महायज्ञ का भव्य आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये किया गया। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम का माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, श्री योगी आदित्यनाथ जी और परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में समापन हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने महाकुम्भ की अद्भुत सफलता के लिये माननीय मुख्यमंत्री जी का भगवान शिव की दिव्य प्रतिमा, शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से अभिनन्दन किया। भारत के ऊर्जावान प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने जिस प्रकार महाकुम्भ में व्यवस्थायें की, आपके मार्गदर्शन में शासन व प्रशासन ने अद्भुत रूप से पूरे मेले को आयोजित किया वह अद्भुत व अलौकिक हैं। नेत्र कुम्भ के माध्यम से महाकुम्भ में आने वाले लाखों-लाखों श्रद्धालुओं को चश्मे, दवाईयाँ और जांच की गयी और लाखों लोगों को सेवा प्रदान की गई। इस अद्भुत पहल को सफल बनाने में श्री भाऊराव देवरस सेवा न्यास और श्री रज्जूभैया सेवा न्यास का अहम योगदान रहा। महाकुम्भ के दौरान नेत्र महाकुम्भ एक विशेष पहलू के रूप में उभर कर सामने आया, जहां दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं को मुफ्त में नेत्र चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई। इस पहल का उद्देश्य न केवल नेत्र रोगियों की चिकित्सा करना था, बल्कि उन्हें एक नई दृष्टि प्रदान करना था, ताकि वे समाज में अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य कर सकें। ‘सर्वेन्द्रियाणां नयनं प्रधानम्’ (सभी इंद्रियों में आंख सर्वोत्तम है) का आदर्श मार्गदर्शन करते हुए, इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ताकि हर व्यक्ति को दिव्य दृष्टि प्राप्त हो सके।