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पौड़ी जिला स्तरीय कूड़ा निगरानी/क्रियान्वयन समिति तथा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक


विकास भवन सभागार पौड़ी में आज जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत जिला स्तरीय कूड़ा निगरानी/क्रियान्वयन समिति तथा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी दिनांक 19 जुलाई, 2021, विकास भवन सभागार पौड़ी में आज जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे की अध्यक्षता में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत जिला स्तरीय कूड़ा निगरानी/क्रियान्वयन समिति तथा जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक हुई। उन्होंने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण के बारे में विस्तृत जानकारी ली। ब्लाक स्तर से लेकर ग्रामीण स्तर तक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही कूड़ा प्रबंधन एवं निस्तारण को मॉडल के रूप में विकसित करने को लेकर जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों से सुझाव भी लिए। उन्होंने ब्लाक स्तर पर सभी कार्यों का उल्लेख करते डीपीआर बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए कार्मिकों एवं उसमें लगने वाले वाहनो की खरीद आदि विभिन्न योजनाओं की डीपीआर तैयार करें। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत (नगर निगम व नगर पालिका) व जिला पंचायतो ने अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत अपने स्तर से संसाधनों का उपयोग कर टैक्स एकत्रित किया है, किंतु ग्राम पंचायतें इस प्रकार का कोई लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें कूड़ा युक्त नगर से कूड़ा मुक्त नगर की ओर बढ़ना है। उन्होंने कहा कि ब्लॉक पंचायत स्तर व जिला पंचायत स्तर पर कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था बनाने के लिए डीपीआर बनाई जाए। साथ ही उन क्षेत्रों में कितना कूड़ा निकलता है तथा उस कूडे़ को उठाने के बदले कितना राजस्व एकत्रित किया जा सकता है, यह सुनिश्चित कर लिया जाए। इसके साथ ही एकत्रित कूड़े के निस्तारण के लिए सैड के निर्माण की भी कार्ययोजना तैयार कर लें। कहा कि हर ग्राम, पर्यटक स्थल, बाजारों व महत्वपूर्ण स्थलों जहाँ कूड़ा निकलता है, सप्ताह मे एक दिन या हर दिन कार्मिक को रख कर कूड़ा एकत्रित किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने सभी पंचायतों व अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि कूड़ा प्रबंधन के लिए ठोस नीति बनाए। कहा कि ब्लॉक पंचायतें व ग्राम पंचायतें कार्ययोजना बनाते हुए अपने अधिकार क्षेत्रों में होर्डिंग लगाए व उन पर विज्ञापन के माध्यम से कर एकत्रित करें। कहा कि गीले कूडे़ से खाद बना के उसे बेचा जा सकता है, जबकि जो कूड़ा नष्ट नही हो सकता है, उसे बारीक कर सड़कों, गांव में सीसी मार्ग बनाने में या अन्य कहीं भरान में उपयोग में लाया जा सकता है। इस प्रकार के कार्याे के लिए राज्य सरकार के द्वारा हरिद्वार मे प्लांट भी लगाया गया है, जिसका शुभारंभ शीघ्र ही किया जाना प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने कहा कि कूड़े के निस्तारण के लिए एक ठोस रणनीति की आवश्यकता है। कूड़ा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, जोकि नगरों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों मे भी बढ़ रहा है। ठोस कूड़ा अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सबसे महत्वपूर्ण गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग एकत्रित करना है। इसके सही उपयोग से नगर पंचायत व ब्लॉक पंचायत अच्छा राजस्व अर्जित कर सकते हैं।

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