गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज समापन हुआ। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बी0एच0ई0एल0, रानीपुर, हरिद्वार चिकित्सालय की डा0 यू0एस0 शिल्पी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से हमें दैनिक जीवन में स्वच्छता व नियमित व्यायाम पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में चल रही दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज समापन हुआ। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बी0एच0ई0एल0, रानीपुर, हरिद्वार चिकित्सालय की डा0 यू0एस0 शिल्पी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य की दृष्टि से हमें दैनिक जीवन में स्वच्छता व नियमित व्यायाम पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इस अवसर पर समविश्वविद्यालय आई.क्यू.ए.सी. सेल के निदेशक प्रो0 नवनीत ने देश भर से आए प्रतिभागियों को आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन का विज्ञान है। इस पद्धति से हमें रोगों से मुक्ति ही नहीं मिलती बल्कि यह शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक जीने की पद्धति है। हम अपने जीवन में आयुर्वेदिक औषधियों को अपनाकर न केवल रोगों से मुक्ति पा सकते हैं बल्कि स्वास्थ्य व आरोग्य जीवन प्राप्त करते हैं। विभाग के विभागाध्यक्ष संगोष्ठी के मुख्य संयोजक प्रो0 मुकेश कुमार ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य एवं सफाई हम सभी की नित्य दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। बीमारियों को रोकने के लिए स्वस्थ वातावरण बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें प्रतिदिन योग तथा व्यायाम करना चाहिए। संगोष्ठी की मुख्य सचिव डा0 वरिन्द्र विर्क ने अपने संबोधन में कहा कि अनुशासित एवं सामंजस्य बनाकर वेदों में वर्णित मान्यताओं के अनुसार जीवन यापन कर हम अपने को आरोग्य व स्वस्थ रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें स्वास्थ्य व आरोग्य रहने के लिए शाकाहारी भोजन, फल, हरि सब्जियों, साबुत अनाज व प्रोटीनयुक्त दालों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। संगोष्ठी के सचिव डा0 चिरंजीव बनर्जी ने कहा कि हमारे द्वारा ग्रहण किया गया भोजन हमारे जीवन की दिनचर्या को प्रभावित करता है। ऐसे में हमें शाकाहारी भोजन करना चाहिए, साथ ही धूम्रपान व मदिरापान से बचना चाहिए।