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महाकुंभ में आस्था का सैलाब, 60 करोड़ पार पहुंचा स्नानार्थियों का आंकड़ा


संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शनिवार को आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और संगम तट आस्था की लहरों से सराबोर हो गया। सुबह 12 बजे तक ही 71 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके साथ ही, महाकुंभ में कुल स्नानार्थियों की संख्या 60.02 करोड़ के पार पहुंच गई।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शनिवार को आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला। श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा और संगम तट आस्था की लहरों से सराबोर हो गया। सुबह 12 बजे तक ही 71 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके साथ ही, महाकुंभ में कुल स्नानार्थियों की संख्या 60.02 करोड़ के पार पहुंच गई। आस्था का रिकॉर्ड: 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ के 41 दिनों में से 23 दिन ऐसे रहे जब एक करोड़ से अधिक लोगों ने संगम स्नान किया। लगातार आठवें दिन एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम पहुंचे। महाकुंभ के समापन में चार दिन शेष हैं और अगले दिनों में भीड़ और बढ़ने की संभावना है। श्रद्धालुओं का उत्साह: शनिवार को वीकेंड होने के कारण संगम के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। हर तरफ "हर हर गंगे" और "जय मां गंगा" के जयकारे गूंज रहे थे। प्रशासन की व्यवस्था: प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। महाकुंभ का महत्व: महाकुंभ हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है, और माना जाता है कि इससे सभी पाप धुल जाते हैं। समापन की ओर: महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा। प्रशासन को उम्मीद है कि समापन तक स्नानार्थियों की संख्या और बढ़ेगी।

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