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हर की पौड़ी पर आस्था के साथ गंदगी का अंबार, प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन का बोलबाला


महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लाखों भक्तों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। लेकिन इस पवित्र स्नान पर्व के दौरान हर की पौड़ी पर गंदगी का अंबार भी देखने को मिला। प्रतिबंध के बावजूद, पॉलीथिन और प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हुआ, जिससे घाटों पर गंदगी फैल गई।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लाखों भक्तों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। लेकिन इस पवित्र स्नान पर्व के दौरान हर की पौड़ी पर गंदगी का अंबार भी देखने को मिला। प्रतिबंध के बावजूद, पॉलीथिन और प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से हुआ, जिससे घाटों पर गंदगी फैल गई। गंदगी का बढ़ता प्रकोप: महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे, जिससे घाटों पर भारी भीड़ जमा हो गई। इस दौरान, कई श्रद्धालुओं और दुकानदारों ने प्रतिबंधित पॉलीथिन और प्लास्टिक का इस्तेमाल किया, जिससे घाटों पर गंदगी फैल गई। प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथिन के बैग और अन्य कचरा घाटों पर बिखरा हुआ देखा गया, जिससे हर की पौड़ी की स्वच्छता प्रभावित हुई। प्रशासन की चुनौती: हरिद्वार में पॉलीथिन और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है, लेकिन इसके बावजूद इसका उल्लंघन हो रहा है। प्रशासन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह प्रतिबंध को सख्ती से लागू करे और घाटों को स्वच्छ रखे। स्वच्छता के प्रति जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, जिससे श्रद्धालुओं और दुकानदारों को प्लास्टिक के इस्तेमाल के नुकसान के बारे में जानकारी दी जा सके। स्थानीय लोगों की चिंता: स्थानीय लोगों ने हर की पौड़ी पर गंदगी फैलने पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था को भी ठेस पहुंचाता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि वह घाटों की सफाई पर विशेष ध्यान दे और प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सख्ती से रोक लगाए। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हर की पौड़ी पर आस्था और गंदगी का यह विरोधाभास एक चिंता का विषय है।

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