परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने छायावादी यà¥à¤— के कवि शà¥à¤°à¥€ हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि डॉ. हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ जी आजीवन हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ को समृदà¥à¤§ करते रहे
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
ऋषिकेश, 27 नवमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने छायावादी यà¥à¤— के कवि शà¥à¤°à¥€ हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ के जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ याद करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि डॉ. हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ जी आजीवन हिनà¥à¤¦à¥€ साहितà¥à¤¯ को समृदà¥à¤§ करते रहे आज उनके जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ पर उनकी साहितà¥à¤¯ साधना को नमन। डॉ. हरिवंश राय बचà¥à¤šà¤¨ जी अपनी कालजयी कृति ’मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾â€™ और अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ रचनाओं के माधà¥à¤¯à¤® से हमेशा जीवंत बने रहेंगे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ काल से ही समृदà¥à¤§à¤¶à¤¾à¤²à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ रही है। महरà¥à¤·à¤¿ वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸, महरà¥à¤·à¤¿ वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿, महाकवि कालिदास, महाकवि तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸, कवि कंबन, कवि जायसी, कवि अमीर खà¥à¤¸à¤°à¥‹ आदि अनेक कवियों और शकà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤°à¥‚पा लोपामà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾, गारà¥à¤—ी, मैतà¥à¤°à¥‡à¤¯à¥€, अपाला, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¨à¥€, महादेवी आदि कवयितà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ को जीवंत बना रखा है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ किसी à¤à¥€ देश की आतà¥à¤®à¤¾ होती है। साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ ही वह मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है जिससे उस राषà¥à¤Ÿà¥à¤° और वहां के समाज के संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का बोध होता है, साथ ही इससे वहां के लोगों के जीवन आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚, जीवन मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं का निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ किया जा सकता है। साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ वह मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है जो हमें और हमारे समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ विशà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨à¤¤à¤® संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ साहितà¥à¤¯ की समृदà¥à¤§à¤¶à¤¾à¤²à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ किया है। हमारे देश के साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ और विचारकों ने ‘उदारचरितानां तॠवसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤‚बकम’ जैसे सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को दिये हैं, जिसमें लोग आज à¤à¥€ गहरी आसà¥à¤¥à¤¾ रखते हैं। हमारे विकासशील à¤à¤µà¤‚ सृजनातà¥à¤®à¤• साहितà¥à¤¯ में धरà¥à¤®, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ विचारधाराओं का अदà¥à¤à¥à¤¤ समनà¥à¤µà¤¯ है। हमारा पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ साहितà¥à¤¯, पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ होते हà¥à¤ à¤à¥€ आज के परिपेकà¥à¤·à¥à¤¯ में à¤à¥€ उतना ही उपयोगी और सारà¥à¤¥à¤• है। यह किसी à¤à¤• देश या समाज के लिये नहीं अपितॠसमसà¥à¤¤ मानव जाति के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिये है। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और साहितà¥à¤¯ वासà¥à¤¤à¤µ में मानव संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ साहितà¥à¤¯ का अदà¥à¤à¥à¤¤ संगम है जिसने अनेक मानवता के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों को सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया और हमारे असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को बनाये रखा है।